सिघाड़े का अचार(singhare ka achar )
सिंघाडे हम उबालकर, भून कर या कच्चे ही खाते हैं. सिंघाडे का अचार भी बहुत स्वादिष्ट बनता है. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी व सी, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स से भरपूर सिंघाडे को आयुर्वेद में बहुत सराहा गया है,. बाजार में आजकल सिंघाडे मिल भी रहे हैं. इस सप्ताह सिंघाडे का अचार बनाकर देखिये, आपको बहुत पसंद आयेगा.
आवश्यक सामग्री - Inggredients for Singhara Achar recipe
विधि How to make Singhara Achar
कच्चे अच्छे सिघाड़े ले लीजिये, अगर कोई खराब फल हो तो हटा दीजिये. सिघाड़े को अच्छी तरह घो कर साफ कर लीजिये, और धुले सिघाड़े किस छलनी बास्केट में रखिये ताकि उसका पानी निकल कर जल्दी सूख जाय, अगर धूप हैं तो धूप में 4-5 घंटे रख कर सुखा लीजिये, धूप नहीं हो तो इन्हैं छाया यानि कि रूम के अन्दर ही अच्छी तरह सूखने दीजिये. सिघाड़े अचार के लिये तैयार हो गये हैं.
सिघाड़े को उठाइये और दोंनो ओर से कांटे काटकर हटा दीजिये और बीच से ऊपर की ओर आधा करते हुए पूरी लम्बाई में सिघाड़े को इस तरह काटिये कि सिघाड़ा नीचे की ओर जुड़ा रहे , सारे सिघाड़े काट कर तैयार कर लीजिये. तेल को कढ़ाई में डालकर गरम करने रख दीजिये. तेल को अच्छा गरम होने के बाद गैस बन्द कर दीजिये. किसी प्लेट में सारे मसाले डालकर मिक्स कर लीजिये, गरम तेल से 2 टेबल स्पून तेल मसाले में डालकर, मिलाकर, मसाले को गीला कर लीजिये. सिघाड़े में भरने के लिये मसाला तैयार है.
एक सिघाड़ा हाथ में उठाइये और कटे हुये स्थान से उसे खोलिये, ध्यान रहे सिघाड़ा नीचे की ओर से जुड़ा रहे, खोली जगह पर चम्मच से मसाला डालकर अच्छी तरह दबाकर भर दीजिये और दूसरे साफ सूखे प्याले में रख दीजिये, सारे सिघाड़े इसी तरह से भर कर प्याले में रख लीजिये, अगर थोड़ा मसाला बच जाये तो उसे भी भरे सिघाड़े के ऊपर डाल दीजिये. अचार को ढककर रख दीजिये, रोजाना अचार को सूखे चम्मच से चलाकर ऊपर नीचे कर दीजिये, 3 दिन में अचार खाने के लिये तैयार हो जायेगा, जब तक सिघाड़े के अन्दर सारे मसाले जब्ज हो जायेंगे, सिघाड़े खट्टे हो जायेंगे और सिघाड़े का छिलका भी थोड़ा नरम हो जायेगा, अब अचार में बचा हुआ तेल डालकर मिला दीजिये.
बहुत ही अच्छा सिघाड़े का अचार बनकर तैयार है. सिघाड़े के अचार को 15-20 दिन तक खाया जा सकता है, और लम्बे समय तक अचार चलाने के लिये अचार में सिरका या प्रिजरवेटिव या इतना सरसों का तेल गरम करके ठंडा होने पर डाल दीजिये कि अचार तेल में डूबा रहे, अचार बहुत समय तक चलते हैं.
सुझाव:
अचार के लिये फल अच्छे चुने.
अचार बनाते समय सफाई का अधिक ध्यान रखें, जो भी बर्तन अचार के लिये यूज करें सूखे और साफ हों किसी भी तरह की नमी या गन्दगी अचार में न जाने दें.
अचार को जिस कन्टेनर में भर कर रख रहें हैं उसे उबलते पानी से धोकर धूप में सुखा लीजिये.
अचार जब भी खाने के लिये निकालें सूखे और साफ चम्मच से ही निकालें.
अचार के कन्टेनर को कभी कभी धूप में रखने से अचार की सैल्फ लाइफ बढ़ जाती है.
सिंघाडे हम उबालकर, भून कर या कच्चे ही खाते हैं. सिंघाडे का अचार भी बहुत स्वादिष्ट बनता है. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी व सी, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स से भरपूर सिंघाडे को आयुर्वेद में बहुत सराहा गया है,. बाजार में आजकल सिंघाडे मिल भी रहे हैं. इस सप्ताह सिंघाडे का अचार बनाकर देखिये, आपको बहुत पसंद आयेगा.
आवश्यक सामग्री - Inggredients for Singhara Achar recipe
- कच्चे सिघाड़े - 500 ग्राम
- सरसों का तेल - आधा कप
- हींग - 1/4 छोटी चम्मच से आधी
- नमक - 2 छोटी चम्मच
- सोंफ - 2 टेबल स्पून
- सरसों का पाउडर - 2 टेबल स्पून
- काली मिर्च पाउडर - आधा छोटी चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटी चम्मच
- हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच
विधि How to make Singhara Achar
कच्चे अच्छे सिघाड़े ले लीजिये, अगर कोई खराब फल हो तो हटा दीजिये. सिघाड़े को अच्छी तरह घो कर साफ कर लीजिये, और धुले सिघाड़े किस छलनी बास्केट में रखिये ताकि उसका पानी निकल कर जल्दी सूख जाय, अगर धूप हैं तो धूप में 4-5 घंटे रख कर सुखा लीजिये, धूप नहीं हो तो इन्हैं छाया यानि कि रूम के अन्दर ही अच्छी तरह सूखने दीजिये. सिघाड़े अचार के लिये तैयार हो गये हैं.
सिघाड़े को उठाइये और दोंनो ओर से कांटे काटकर हटा दीजिये और बीच से ऊपर की ओर आधा करते हुए पूरी लम्बाई में सिघाड़े को इस तरह काटिये कि सिघाड़ा नीचे की ओर जुड़ा रहे , सारे सिघाड़े काट कर तैयार कर लीजिये. तेल को कढ़ाई में डालकर गरम करने रख दीजिये. तेल को अच्छा गरम होने के बाद गैस बन्द कर दीजिये. किसी प्लेट में सारे मसाले डालकर मिक्स कर लीजिये, गरम तेल से 2 टेबल स्पून तेल मसाले में डालकर, मिलाकर, मसाले को गीला कर लीजिये. सिघाड़े में भरने के लिये मसाला तैयार है.
एक सिघाड़ा हाथ में उठाइये और कटे हुये स्थान से उसे खोलिये, ध्यान रहे सिघाड़ा नीचे की ओर से जुड़ा रहे, खोली जगह पर चम्मच से मसाला डालकर अच्छी तरह दबाकर भर दीजिये और दूसरे साफ सूखे प्याले में रख दीजिये, सारे सिघाड़े इसी तरह से भर कर प्याले में रख लीजिये, अगर थोड़ा मसाला बच जाये तो उसे भी भरे सिघाड़े के ऊपर डाल दीजिये. अचार को ढककर रख दीजिये, रोजाना अचार को सूखे चम्मच से चलाकर ऊपर नीचे कर दीजिये, 3 दिन में अचार खाने के लिये तैयार हो जायेगा, जब तक सिघाड़े के अन्दर सारे मसाले जब्ज हो जायेंगे, सिघाड़े खट्टे हो जायेंगे और सिघाड़े का छिलका भी थोड़ा नरम हो जायेगा, अब अचार में बचा हुआ तेल डालकर मिला दीजिये.
बहुत ही अच्छा सिघाड़े का अचार बनकर तैयार है. सिघाड़े के अचार को 15-20 दिन तक खाया जा सकता है, और लम्बे समय तक अचार चलाने के लिये अचार में सिरका या प्रिजरवेटिव या इतना सरसों का तेल गरम करके ठंडा होने पर डाल दीजिये कि अचार तेल में डूबा रहे, अचार बहुत समय तक चलते हैं.
सुझाव:
अचार के लिये फल अच्छे चुने.
अचार बनाते समय सफाई का अधिक ध्यान रखें, जो भी बर्तन अचार के लिये यूज करें सूखे और साफ हों किसी भी तरह की नमी या गन्दगी अचार में न जाने दें.
अचार को जिस कन्टेनर में भर कर रख रहें हैं उसे उबलते पानी से धोकर धूप में सुखा लीजिये.
अचार जब भी खाने के लिये निकालें सूखे और साफ चम्मच से ही निकालें.
अचार के कन्टेनर को कभी कभी धूप में रखने से अचार की सैल्फ लाइफ बढ़ जाती है.
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